सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा-कोरेगांव हिंसा केस में चार्जशीट दाखिल करने की समयसीमा 90 दिन के लिए नहीं बढ़ाने से जुड़ा बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दाखिल हो गई है, इसलिए गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ता नियमित जमानत की मांग कर सकते हैं। गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की दलील थी कि गिरफ्तारी के 90 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर वह जमानत के हकदार हैं। ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए महाराष्ट्र पुलिस को 90 दिन की मोहलत दे दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने यह फैसला रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। इस मामले में पुणे पुलिस ने जून में कथित माओवादियों से संपर्क के आरोप में वकील सुरेंद्र गाडलिंग, नागपुर विवि की प्रो. शोमा सेन, दलित कार्यकर्ता सुधीर धवले, कार्यकर्ता महेश राउत और केरल निवासी रोना विल्सन को गिरफ्तार किया था।
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