गैजेट डेस्क. ब्रिटेन की लैनकास्टर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिसके बाद अपराधियों को उनके हाथ की फोटो के जरिए ही पहचाना जा सकेगा और पकड़ा जा सकेगा। दरअसल, रिसर्चर ‘हार्ड बायोमैट्रिक्स’ के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जिसमें हाथों की नसों, टैटू और निशानों के जरिए किसी को भी पहचाना जा सकेगा।इस प्रोजेक्ट को ‘एच-यूनिक’ नाम दिया गया है।
यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डैम स्यू ब्लैक ने बताया, “हर व्यक्ति के हाथ अलग-अलग होते हैं और ये पहली बार होगा जब रिसर्चर उन सभी फैक्टर्स को एनालाइज करेंगे, जो हाथ को अलग बनाते हैं, ताकि इसका उपयोग बाद में व्यक्तियों की पहचान में किया जा सके।”
दावा- इससे अपराधियों को पकड़ना आसान होगा
रिसर्चर के मुताबिक, इससे पहले कभी भी इस तरह की तकनीक पर काम नहीं हुआ है लेकिन इस बार एनाटोमिस्ट, एंथ्रोपॉलॉजिस्ट, जेनेटिसिस्ट, बायोइन्फोर्मेटीशियंस, इमेज एनालिस्ट और कम्प्यूटर साइंटिस्ट मिलकर इस तकनीक को तैयार करने जा रहे हैं। उनका दावा है कि, इस तकनीक के जरिए बायोमैट्रिक क्षमताओं को और विकसित किया जा सकेगा। रिसर्चरों को कहना है कि, इस तकनीक से न सिर्फ गंभीर अपराधों की जांच करने में मदद मिलेगी बल्कि ऐसे अपराध करने वाले अपराधियों को भी पकड़ना आसान होगा।
5000 वैज्ञानिक करेंगे काम, अभी तक 20 करोड़ की मदद
हाथ के जरिए व्यक्ति की पहचान करने वाले इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए 5 हजार से ज्यादा वैज्ञानिकों की भर्ती की जाएगी। लैनकास्टर यूनिवर्सिटी और डूंडी यूनिवर्सिटी मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और इस प्रोजेक्ट के लिए अभी तक 2.5 मिलियन यूरो (करीब 20 करोड़ रुपए) का फंड इकट्ठा किया जा चुका है।इस साल के आखिरी तक रिसर्चर 5000 से ज्यादा लोगों के हाथों की तस्वीर लेकर एक डेटाबेस तैयार करेंगे, जिसके बाद हाथ के जरिए व्यक्ति को कैसे पहचाना जाए, इस पर काम किया जाएगा।
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