चेन्नई. पुडुचेरी में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्य के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी पिछले दो दिनों से राज्यपाल किरण बेदी के घर के बाहर धरना दे रहे हैं। बुधवार को उन्होंने राजभवन के बाहर दरी में सोकर रात बिताई। इस दौरान कैबिनेट के कुछ मंत्री भी उनके साथ ही थे। पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार का आरोप है कि किरण बेदी कई लोककल्याण योजनाओं को लागू नहीं होने दे रहीं। इसी को लेकर नारायणसामी ने बुधवार सुबह से धरना शुरू किया था।
प्रधानमंत्री के कहने पर रोड़े अटका रहीं राज्यपाल
धरने में कांग्रेस को द्रमुक का भी साथ मिला है। नारायणसामी ने राज्यपाल पर सरकार की दिन-प्रतिदिन के कार्यवाही में भी हस्तक्षेप का आरोप लगाया। नारायणसामी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि बेदी के पास अपनी कोई पावर नहीं है। वे सिर्फ मंत्रियों द्वारा भेजे गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए हैं। उन्हें कैबिनेट के फैसलों को रोकने का अधिकार नहीं है, लेकिन वो हमारे निर्णयों को वीटो कर रही हैं। खुद प्रधानमंत्री उन्हें हमारी सरकार के कामों में रोड़ा अटकाने के लिए कह रहे हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, दो दिन पहले बेदी ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनने के नियम को लागू करने की वकालत की थी। वहीं सरकार का कहना था कि वह पहले इस बारे में जागरुकता फैलाएगी और फिर इसे अलग-अलग चरणों में लागू किया जाएगा। इसी मुद्दे पर दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया।
बेदी ने किया ट्वीट
इससे पहले माना जा रहा था कि सरकार के मंत्रियों और बड़ी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं की वजह से किरण बेदी को राजभवन से बाहर आने-जाने में परेशानी होगी। हालांकि, वे गुरुवार सुबह ही चेन्नई में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने निकल गईं। बुधवार शाम उन्होंने नारायणसामी को एक पत्र भी लिखा, इसमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को धरने पर बैठने से पहले मुलाकात करनी चाहिए था। आप पहले एक पत्र लिखते और मेरे जवाब का इंतजार करते। बेदी ने 21 फरवरी को मुख्यमंत्री बातचीत के लिए बुलाया है।
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